सिम स्वैपिंग है बेहद खतरनाक, आपको पहुंचा सकता है भारी नुकसान – कहा जाता है कि टेक्नोलॉजी का उपयोग हमारे कई कामों को आसान तो बनाता है लेकिन कभी कभी यह हमें नुकसान भी पहुंचाने लगता है। यही वजह है कि हमे पूरी तरह इस पर आश्रित नहीं होना चाहिए। साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले इसका सबसे बढ़िया उदाहरण हैं। आपने ऑनलाइन धोखाधड़ी या फिर साइबर अपराध के कई सारे मामलों के बारे में सुना होगा, जिसमे एटीएम कार्ड की क्लोनिंग या फिर आपके पिन के बारे में पता कर पैसे निकालने का मामला सामने आया होगा लेकिन क्या कभी आपने सिम कार्ड स्वपिंग के जरिये फ्रॉड के बारे में सुना है।
अगर आपने इसके बारे में नहीं सुना है और आपको नहीं पता है कि आखिर सिम स्वैपिंग होती क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है। तो हम इस पोस्ट के जरिए आपको इससे जुड़ी सारि अहम जानकारियों के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके लिए यह जरूरी है कि आप इस पोस्ट को अंत तक ध्यान से पढ़ें और भविष्य में इस तरह के फ्रॉड से बच सकें। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि आखिर सिम स्वैपिंग क्या होता है।
क्या होता है सिम स्वैपिंग?
आपने बैंक से जुड़े कई तरह की धोखाधड़ी के बारे में सुना होगा लेकिन सिम स्वैपिंग के बारे में पहले शायद न सुना हो। तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर यह क्या होता है। दरअसल कभी कभी जालसाज आपके उस मोबाइल नंबर के बारे में पता कर लेते हैं, जो कि बैंक खाते में रजिस्टर्ड होता है। फिर वह उसी नम्बर से एक और फेक सिम निकलवा लेते हैं और आपका सिम बंद हो जाता है। इसके बाद वह उस सिम पर OTP प्राप्त करके जालसाजी को अंजाम देते हैं और वह आपका पूरा बैंक एकाउंट साफ कर देते हैं।
सिम स्वैपिंग के जरिए जालसाज आपके वित्तीय खातों को हैक कर लेते हैं और आपके एकाउंट से सारा पैसा साफ कर लेते हैं। इस तरह की जालसाजी को ही सिम स्वैपिंग कहा जाता है। आपको बता दें कि सिम स्वैपिंग को हम सिम जैकिंग, सिम स्प्लिटिंग और पोर्ट आउट स्कैमिंग के नाम से भी जानते हैं।
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कैसे होता है सिम स्वैप?
सिम स्वैप करने में जालसाजों को कोई खास मेहनत नहीं करनी होती है और वह आसानी से आपको अपने चंगुल में फंसा लेते हैं। दरसअल वह आपके पास किसी भी सर्विस प्रोवाइडर का एग्जीक्यूटिव बनकर काल करते हैं। जैसे अगर आपके पास एयरटेल या फिर आईडिया का नंबर है। तो वह उसी कंपनी का एग्जीक्यूटिव बनकर काल करते हैं और आपसे बात बात में इंटरनेट स्पीड बढ़ाने या फिर काल ड्राप की समस्या को ठीक करने के बहाने सिम कार्ड के पीछे लिखे 20 डिजिट के यूनिक नम्बर को पता कर लेते हैं। फिर उसे कन्फर्म करने के बहाने आपसे 1 दबाने के लिए कहते हैं। जैसे ही आप 1 प्रेस करते हैं। तो आपके सिम का ऑथेंटिकेशन जलसाज के पास चला जाता है और आपके सिम में नेटवर्क आना बंद हो जाता है।
इस दौरान ही जालसाज अपनी धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं और आपको इसका पता ना लगे, इसके लिए वह आपके पास लगातार कॉल करते रहते हैं। जिससे आप परेशान होकर अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दें और वह अपने काम को अंजाम दे सकें। इस तरह के फ्रॉड में लगभग 3 से 4 घंटे का समय लगता है।
सिम स्वैपिंग से कैसे बचें?
1 मोबाइल में नेटवर्क न होना
अगर आपके मोबाइल में काफी देर तक नेटवर्क नहीं है, तो आपको तुरंत ही सचेत हो जाना चाहिए और फौरन आपको इसकी शिकायत अपने सर्विस प्रोवाइडर से करनी चाहिए।
2 बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर किसी से शेयर न करें
आपको अपने बैंक एकाउंट में रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर को किसी से भी शेयर नहीं करना चाहिए। खासकर के किसी भी फिशिंग मेल या फिर स्पैम कॉल पर तो बिल्कुल भी नही शेयर करना चाहिए।
3 सिम कार्ड का यूनिक नम्बर किसी को न दें
अगर आपके पास कोई भी काल आता है और आपसे आपके सिम का यूनिक नम्बर मांगा जाता है। तो आप उसे किसी को भी न दें और इस मामले की जानकारी अपने नेटवर्क ऑपरेटर को फौरन दें।
4 पासवर्ड किसी से शेयर न करें
अगर आप मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं तो आपको उसमे अपने खाते को सुरक्षित रखने के लिए कोई ऐसा पासवर्ड लगाना चाहिए, जिसे आपके अलावा कोई और न जानता हो। और साथ ही उसे किसी से भी शेयर नहीं करना चाहिए।
5 बैंक से लेनदेन के लिए sms अलर्ट
आपको अपने बैंक खाते को सुरक्षित रखने के लिए SMS अलर्ट को चालू रखना चाहिए। जिससे अगर आपके एकाउंट से किसी भी तरह का लेनदेन हो तो उसकी जानकारी आपको रहे। इससे भी आप जालसाजी से बच सकते हैं।
6 मोबाइल में बैंकिंग ऐप पर निगरानी रखें
आप अगर मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं तो इस दौरान आपके मोबाइल में इंस्टाल बैंकिंग ऐप की निगरानी आपको समय समय पर लगातार करनी चाहिए।
7 फिशिंग ईमेल और फेक काल से सावधान रहें
अगर आपको लगता है कि आपके पास लगातार कोई ऐसा काल आ रहा है। जिसमे आपसे आपकी पर्सनल जानकारी मांगी जा रही है या फिर लगातार फिशिंग ईमेल आ रहे हैं, तो आपको इससे सावधान रहना चाहिए और अपनी गोपनीय जानकारी किसी से भी शेयर नहीं करनी चाहिए।
8 दोहरा ऑथेंटिकेशन
आप अगर मोबाइल में बैंकिंग ऐप का इस्तेमाल करते हैं तो आपको उसकी सुरक्षा के लिए 2 स्टेप में ऑथेंटिकेशन प्रोसेस रखना चाहिए, जिससे उसकी सुरक्षा बढ़ सके।